इंसान के दोस्त हमेशा पशु पक्षी रहे हैं अगर हम इतिहास की बात करें तो इतिहास में यह दर्ज किया गया है कि हमेशा इंसान के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में पशुओं का बहुत योगदान है अगर हम बात गायों की करें घोड़ों की करें बकरियों की करें तो इन सब ने मानवता के ऊपर बहुत बड़ा एहसान किया है इन सब ने बहुत सारे लोगों को सच बताएं तो पाल पोस कर बड़ा किया है इनके ही दूध पीकर हमारे बच्चे बड़े होते हैं हमारे बच्चे हमारे प्यारे पेट पालतू जानवर यानी कुत्तों बिल्लियों से खेलते हैं और हम उन्हें घर का हिस्सा मानते हैं लेकिन कई जगह कभी-कभी ऐसी घटनाएं हो जाती हैं जिससे इंसानियत शर्मसार हो जाती है इंसानी अकल पर ऐसा ताला क्यों लगता है यह बताना थोड़ा सा मुश्किल है लेकिन कहीं-कहीं इंसान अपनी इंसानियत को खोकर जानवर जैसा व्यवहार करने लगता है दू दिन पहले बिहार के मुजफ्फरपुर का एक लड़का जिसने अपने पालतू जानवर के साथ बदतमीजी की उसने उसके साथ बहुत ज्यादा दुर्व्यवहार किया जिसके लिए पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है आपको अगर कानून के बारे में ना पता हो तो बता दें कि बहुत सारे देशों में जानवरों के खिलाफ बहुत सख्त कानून है जो अब बिहार के मुजफ्फरपुर में एक व्यक्ति के खिलाफ अपने पालतू कुत्ते के साथ क्रूर व्यवहार करने का मामला दर्ज किया गया है, जिसे उसके मालिक पुलिस ने शुक्रवार को पीटा था। राजकुमार के खिलाफ गुरुवार को पशु क्रूरता अधिनियम पुलिस अधिकारी भगीरथ प्रसाद की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
उन्होंने कहा कि मामला एक पशु अधिकार कार्यकर्ता सुमंत शेखर की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया है कि राजकुमार अपने कुत्ते की खराब देखभाल कर रहे थे, जिसके कोट में कीड़े थे , शेखर ने दावा किया कि वह राजकुमार के घर यह सुनकर आया था कि उसके कुत्ते की एक आंख चली गई थी जब मालिक ने हाल ही में पालतू जानवर पर अपना गुस्सा उतारा। पशु अधिकार कार्यकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि कुत्ते के मालिक ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया जब वह पालतू जानवर की स्थिति के बारे में जानने के लिए उसके घर गया। हमारे देश में किसी भी तरह के जानवर का शिकार दंडनीय अपराध माना गया है बहुत सारे बड़े-बड़े जंगलों में इसके लिए अलग-अलग टीमें तैयार और तैनात की जाती है जो उन पर निगरानी रखती है कि किसी भी तरह से कोई भी शिकारी आकर किसी भी जानवर पशु पक्षी का शिकार ना करें ऐसे लोग जो अपने ही पालतू जानवरों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं या फिर उन्हें समाज के सामने खिलौनों की तरह प्रस्तुत करते हैं उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाती है पिछले साल कनाडा में इंसान में अपने पालतू जानवर को छत से लटका दिया था जिसके लिए उसे 2 साल की सजा सुनाई गई थी हमारे देश में फिलहाल इस पर इतना ज्यादा कड़ा फैसला नहीं सुनाया जाता लेकिन अब सरकार बहुत तेजी से काम कर रही है जानवरों की देखरेख के लिए पिटा फाउंडेशन भी बहुत ज्यादा काम करती है
पालतू जानवर हमारे दोस्त हैं हमें समझना होगा कि उनके साथ एक अच्छा व्यवहार बनाकर रखने में हमारा अच्छा ही है और हमारा कहीं ना कहीं बहुत बड़ा फायदा ही है आज भी हमारे देश के किसान गाय और भैंसों पर निर्भर है खेती के लिए उपर्युक्त रूप से उतर ही मेहनत करते हैं जितनी एक किसान करता है इसीलिए हमारे देश में गाय को भगवान की तरह पूजा जाता है गाय को हम माता मानते हैं, लेकिन उसके बाद भी कुछ लोग ऐसे हैं जो अपनी क्रूर व्यवहार को जानवरों पर सवार कर देते हैं हालांकि जानवरों के खिलाफ अब अवेयरनेस काफी बढ़ चुकी है अब अगर हम किसी भी चलचित्र में यह देखते हैं कि किसी भी जानवर को मारा पीटा गया है तो वह पूरी तरह से काल्पनिक या बनावटी होता है और चलचित्र के शुरू होने से पहले ही एक वार्निंग के साथ यह दिखाया जाता है कि इस फिल्म में दिखाए जाने वाला जानवर काल्पनिक है और इसके साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार नहीं किया गया है
आज हमारे देश में इस तरह के कानून का होना बहुत जरूरी है हमारे लिए महत्वपूर्ण होने चाहिए आज हमारे देश का राष्ट्रीय पशु बाघ लुप्त सा हो रहा है इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि लोग हमेशा से बाघों का शिकार करते रहे हैं अब तो बात सेव टाइगर की होती है लेकिन यह कदम उठाना चाहिए था अभी भी देर नहीं हुई कोई भी इंसान अपने पालतू जानवरों के साथ या किसी भी जानवरों के साथ जानबूझकर या चाहते हुए किसी तरह से उसके साथ दुर्व्यवहार कर रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए