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महामारी के इस दौर में सबसे ज्यादा तकलीफ में बच्चे हैं देखा जाए तो बच्चों को इस महामारी से बचाना हमारे लिए सबसे जरूरी काम है लेकिन साथ ही साथ उनके भविष्य के लिए भी हमें सोचना होगा जैसा कि कोरोना  की वजह से पिछले साल भी 10वीं और 12वीं के एग्जाम को कैंसिल किया गया और छात्रों को प्रमोट करके अगली कक्षा में भेजा गया लेकिन इस बार बिहार सरकार यह चाहती है कि सीबीएसई यह परीक्षा जरूर ले क्योंकि छात्रों के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह एक सही मापदंड पर खड़े उतरे लेकिन समस्या यह है कि इस भयंकर स्थिति में परीक्षा ले तो कैसे

हालांकि सीबीएसई ने अभी तक कोई भी डेट जारी नहीं की है लेकिन राज्य मांग कर रहा है कि जल्द से जल्द सीबीएसई एक नई डेट बताएं जिससे विद्यार्थियों को अपने एग्जाम की प्रिपरेशन के लिए उचित समय मिल पाए और  गौरतलब बात यह है कि फिलहाल माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य से ज्यादा उनकी जान की परवाह कर रहे हैं इसलिए कई अभिभावकों ने और साथ ही साथ कई शिक्षकों ने भी यह अपील की है कि अभी एग्जाम को कुछ दिनों के लिए कैंसिल ही किया जाए जब हालात फिर  अच्छे होंगे वापस से हम बीते दिनों की तरह सामान्य स्थिति में आएंगे तब सीबीएसई एग्जाम कंडक्ट करने के बारे में सोचें फिलहाल बच्चों को घर पर रहकर ही अपने कोर्स को पूरा करने की छूट दी जाए एजुकेशन मिन्स्टर चौधरी जी ने केंद्र सरकार से बोर्ड परीक्षाओं की संभावित तिथियों की घोषणा करने का अनुरोध किया ताकि छात्रों को तैयारी के लिए उचित समय मिल सके।

यहां तक ​​​​कि सीबीएसई और सीआईएससीई कक्षा बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं की अनिश्चितता बनी हुई है, बिहार सरकार ने परीक्षा आयोजित करने के पक्ष में कहा है कि वे छात्रों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने मंगलवार को पच्चीस मई को कहा कि सीबीएसई और सीआईएससीई दोनों बोर्ड परीक्षाएं छात्रों के भविष्य को आकार देने में मदद करती हैं और इसलिए आयोजित की जानी चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि परीक्षा आयोजित करने के लिए अभ्यास में भाग लेने वाले छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाया जाना चाहिए। चौधरी ने केंद्र सरकार से बोर्ड परीक्षाओं की संभावित तिथियों की घोषणा करने का अनुरोध किया ताकि छात्रों को तैयारी के लिए उचित समय मिल सके। एक प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि यदि किसी शिक्षक की परीक्षा के दौरान कोविड के कारण मृत्यु हो जाती है तो नियमानुसार उचित मुआवजा दिया जाएगा। बिहार में कोविड से मरने वालों को चार लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान है.