मधुबनी |
रविवार तड़के करीब पांच बजे अंधराठाढ़ी प्रखंड के रखवारी मुसहरी के नजदीक कमला तटबंध टूट गया। इस बांध के टूटने से रखवारी, चतरा टोल, देवहार, बरसाम, गंधराईन, हरड़ी, बटौआ, भदुआर, हरणा आदि गांव काफी प्रभावित होंगे। हालांकि अब तक किसी जान- माल के नुकसान की खबर नहीं है। जहां बांध टूटा है वहां से मुख्य आबादी कुछ दूर है। कैसे टूटा तटबंध – प्रत्यक्षदर्शी रामखेलावन सदाय ने बताया कि वे पूरी रात जगकर तटबंध का निरीक्षण कर रहे कि की कोई इसको काट ना दे। तीन बजे तक सब ठीक था। सुबह पांच बजे के आसपास उन्हें पानी की काफी तेज आवाज सुनाई दी और फिर देखते ही देखते तटबंध का एक बड़ा हिस्सा पानी मे समा गया। खबर फैलते ही दर्•ानों की संख्या में लोग जुटने लगे। प्रशासन को भी इसकी सूचना दी गई। लेकिन अभी तक प्रशासन का कोई भी अधिकारी या कर्मी वहां नही पहुंचा था। लोग अपने स्तर से ही राहत- बचाव में लगे हुए हैं।
लोगों को बचाने का कोई प्रशासन के पास कोई योजना नहीं – कमला तटबंध पर लगातार पानी का दवाब लगातार बना हुआ था। प्रशासन के पास इसकी पूरी जानकारी थी। मगर लोगों को सुरक्षित बचाते प्रशासन या एनडीआरएफ के लोग कहीं नहीं दिखे। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की ऐसी लापरवाही शर्मनाक है। सभी सरकारी तंत्र बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद के नाम पर सिर्फ लीपापोती करते रहे।
राहत की कहीं कोई व्यवस्था नही – हजारों लोग बेघर हो गये। जिनके पास खाने को ना अन्न बचा और न सर छुपाने को छत। कुव्यवस्थाओं का आलम ये था कि लोगो को सुरक्षित स्थानों तक ले जाने का भी कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। कहीं भी कोई सरकारी राहत शिविर खुला हो हमे ऐसी खबर नहीं मिली। सरकारी निर्देशानुसार ये शिविर भी 30 जून तक खुल जाने थे। साथ ही और अस्थायी किचेन बन जाने चाहिये थे। पालतू पशुओं के चारे की भी व्यवस्था हो जानी चाहिये थी मगर जब इंसानों के लिये ही कोई इन्तजाम नहीं था तो पशुओं की बात कौन करता है।
हेल्पलाइन नंबर किसी काम का नही – जिले में लोगो की मदद के लिए हेल्पलाइन नम्बर जारी किया गया था। मगर वे फोन या तो काम नहीं कर रहे या कोई उठा नहीं रहा। सारी व्यवस्था आधी अधूरी थी। लोग इन हेल्पलाइन नंबर पर मदद के लिए ़फोन करते रहे। मगर मदद तो दूर की बात थी, कोई ़फोन उठाने वाला भी नही था। हालांकि अंचलाधिकारी विष्णुदेव सिंह ने बताया कि एमआरएफ की टीम तैनात कर दी गयी है। वे तत्कालीक राहत पहुंचाने और फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर लाने में जुटे है ||