देश में चल रही महामारी की दूसरी लहर को देखकर एग्जाम को कैंसिल किया जा रहा है जैसा कि पहले भी हमने आपको बताया था कि दसवीं और 12वीं के एग्जाम को रद्द कर दिया गया था पिछले वर्ष भी कोरोनावायरस को देखते हुए यह कदम उठाया गया था और इस साल भी इसी तरह के हालात है लेकिन सिर्फ 10वीं और 12वीं के एग्जाम को भी रद्द नहीं किया गया बाकी और भी बहुत सारे सेक्टर्स है जहां पर इसका असर देखने को मिला है फिलहाल आईआईटी की परीक्षा को 1 महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है कोरोनावायरस के खतरे को मध्यनजर रखते हुए ऐसा करना पड़ रहा है देश में अभी 10 लाख से ज्यादा एक्टिव केस चल रहे हैं और बहुत सारे लोगों का और विपक्ष का मानना है कि सरकार अभी भी आंकड़े छुपा रही है और साथ ही साथ टीकाकरण बहुत ही धीमी रफ्तार से चल रहा है ऐसे में एग्जाम लेना एक बहुत ही मुश्किल काम है
इससे बात पर भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स को COVID महामारी को देखते हुए INI CET 2021 परीक्षा को एक महीने के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया। परीक्षा 16 जून को होनी थी। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस एमआर शाह की खंडपीठ इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपोर्टेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट आईएनआई सीईटी परीक्षा के आयोजन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। एम्स नियत समय में परीक्षा के लिए नई तारीख की घोषणा करेगा एम्स ने शुरू में यह तर्क देते हुए परीक्षा स्थगित करने का विरोध किया कि इससे डॉक्टरों की कमी और एक अभूतपूर्व स्थिति पैदा होगी, लेकिन बाद में अंतिम निर्णय लेने के लिए इसे शीर्ष अदालत पर छोड़ दिया गया। कोर्ट ने कहा कि एम्स का 16 जून को परीक्षा आयोजित करने का फैसला मनमाना है और तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया है।
ये डॉक्टर परीक्षा में शामिल होंगे और उनके पास COVID ड्यूटी के कारण इसे तैयार करने का समय नहीं है। बेंच ने कहा कि परीक्षा को एक महीने के लिए टाला क्यों नहीं? एम्स ने कोर्ट से यह भी कहा कि अगर डॉक्टरों को दिक्कत होती है तो वे नवंबर में होने वाली अगली परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। यदि आप स्थगित नहीं करते हैं तो हम आदेश पारित करेंगे शीर्ष अदालत ने कहा। इसके तुरंत बाद एम्स के वकील ने अधिकारियों से परामर्श किया और अदालत को सूचित किया कि परीक्षा स्थगित करने के लिए सहमत है।
सुप्रीम कोर्ट पीजी मेडिकल कोर्स आईएनआई सीईटी के लिए एम्स प्रवेश परीक्षा स्थगित करने के लिए डॉक्टरों के एक समूह द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में एम्स जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च जेआईपीएमईआर पुडुचेरी और बेंगलुरु में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज NIMHANS सहित भारत के प्रमुख सरकारी चिकित्सा संस्थानों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जा रही परीक्षा को स्थगित करने के निर्देश मांगे गए हैं।
याचिका में प्रधानमंत्री कार्यालय पीएमओ द्वारा पोस्ट ग्रेजुएट NEET PG 2021 के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा को स्थगित करते हुए दिए गए आश्वासन की ओर भी इशारा किया गया है कि छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए कम से कम एक महीने का समय दिया जाएगा। INI CET लगभग 800 सीटों पर प्रवेश को नियंत्रित करता है जिसके लिए 80,000 से अधिक उम्मीदवार उपस्थित होते हैं।